Shilpa modi

लाइब्रेरी में जोड़ें

ई पतिलोग भी बड़ा ऊ होवत है लेखनी कविता दैनिक प्रतियोगिता -25-Feb-2022

ई पति लोगन भी बड़े ऊ होवत है
छोटन छोटन बतिया के तिल का ताड़ बना देवत है
लाल पीला होयके अपना बीपी बढा देवत है
और इल्जाम ठो हमरे मथवा पे लगा देवत है

ई पति लोग भी बड़े ऊ होवत है
हमका कहे औरतन लोगन की बुद्धि घुटना मे रहत है
हम कही चलीह हम मान ली तोहार बतिया
मगर इ बतावा जब हमसे ब्याहन आए थे
तब तुमरा बुद्धि भी का घुटने मे चल गयल बा

ई पति लोगन भी बड़े ऊ होवत है
एक ही बतिया के अपने चार बार पूछे
तब ओका खोपड़ीया नहीं दुखत बानी
वही बतिया के हमही चार बार पूछ लेवे
तो ऊ कहत है तुमका कौन सा भाषा मे समझ मे आवत

ई पति लोगन भी बड़े ऊ होवत है
इनका माथा पर तो सिंघ उगले ही रहवत है
हमरे लिए फुर्सते नामक चिड़िया तो हईऐ ना ही ओका पास
हम जाए किटीया पार्टवा मे
हमरे थोबड़ा की चमक धमक देखकर
तो ततैया मिर्ची लग जावत है
मुँह फुलाकर ढाई मन का कर लेवत है

ई पति लोगन भी बड़े ऊ होवत है
अब सखिएन लोग तुमही बताओ हम का करी
इ बेलनवा के काके सर पर धरी
ई पति लोगन भी बड़े ऊ होवत है
अब हम का कही अपना मुख से
ऊ मतलबे का होवत है
तुमलोगन तो पहले से ही बहुते समझदार हो
अपने अपने मतलब का मतलब निकाल लेहो

शिल्पा मोदी 🙏🙏😁😁


   19
9 Comments

Varsha_Upadhyay

07-Jul-2023 07:14 AM

बहुत खूब

Reply

Waahhhh Outstanding

Reply

Shilpa modi

19-Sep-2022 07:24 AM

Thanku so much🙏🙏

Reply

Simran Bhagat

25-Feb-2022 06:44 PM

Very nice👌👌

Reply

Shilpa modi

25-Feb-2022 07:00 PM

Thanx

Reply